इसीलिए पुनः गौसेवा केन्द्रित जीवन पद्धति को हमारे समाज में वापस लाना होगा इससे ना केवल बचपन से ही परिवारों के जीव मात्र के प्रतिनिधि के रूप में गाय के प्रति संवेदना जागेगी। अपितु महिलाओं और बच्चों को पर्याप्त पोषण भी मिलेगा इस प्रकार जब घरो में पलने वाली गाय जब दूध देना बन्द कर देगी तब उनकी देखभाल ग्राम की गौशालाएं किया करेंगी इसीलिए गौशालाओं की स्थापना के कार्य को गोसंवर्धन के लिए एक आन्दोलन के रूप में चलाने की आवश्यकता है ये गोशालाएं ग्रामोद्योगों का केन्द्र बनेंगी और देहात में गोचर व्यवस्था को फिर से कायम करने में सक्रिय होगीं तभी संभव होगी गोचर केन्द्रित कृषि व्यवस्था की पुर्नस्थापना जो भारत की टिकाऊं खेती-बाड़ी का मेरूदण्ड था। तभी संभव होगा गोसेवा से ग्रामोत्थान और तभी घटित होगी देश भर में ग्रामोत्थान से समानता और सद्भावना की सम्पूर्ण क्रांति। ----- साभार कुछ तो करना ही होगा
Friday, August 5, 2016
गो-सेवा केन्द्रित जीवन पद्धति
इसीलिए पुनः गौसेवा केन्द्रित जीवन पद्धति को हमारे समाज में वापस लाना होगा इससे ना केवल बचपन से ही परिवारों के जीव मात्र के प्रतिनिधि के रूप में गाय के प्रति संवेदना जागेगी। अपितु महिलाओं और बच्चों को पर्याप्त पोषण भी मिलेगा इस प्रकार जब घरो में पलने वाली गाय जब दूध देना बन्द कर देगी तब उनकी देखभाल ग्राम की गौशालाएं किया करेंगी इसीलिए गौशालाओं की स्थापना के कार्य को गोसंवर्धन के लिए एक आन्दोलन के रूप में चलाने की आवश्यकता है ये गोशालाएं ग्रामोद्योगों का केन्द्र बनेंगी और देहात में गोचर व्यवस्था को फिर से कायम करने में सक्रिय होगीं तभी संभव होगी गोचर केन्द्रित कृषि व्यवस्था की पुर्नस्थापना जो भारत की टिकाऊं खेती-बाड़ी का मेरूदण्ड था। तभी संभव होगा गोसेवा से ग्रामोत्थान और तभी घटित होगी देश भर में ग्रामोत्थान से समानता और सद्भावना की सम्पूर्ण क्रांति। ----- साभार कुछ तो करना ही होगा
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