Tuesday, October 18, 2011

इस दिवाली पर...

दीपों के इस पावन पर्व पर आपने क्या सोचा है?... अपने घर को सजाने को फूलों से महकाने को या फिर तरह-तरह के व्यंजन और पकवान बनाने के लिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस बार हम दिवाली में उन लोगों के लिए भी एक चिराग जलाएंगे जिनके आंखों के सामने अंधेरा है जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है। जिनके पास तन ढ़कने के लिए कपड़े नहीं हैं। जो रोजाना एक वक्त की रोटी खाकर सड़कों के किनारे ही अपनी रात काट लेते हैं। क्या कभी आपने उनसे पूछा है कि कैसी बीती आपकी दिवाली? आप दिवाली के दिन लक्ष्मी की पूजा करते हैं कि लेकिन क्या कभी आपने मां लक्ष्मी को उस मजदूर बस्ती में जाने के लिए कहां है जहां पर गरीबी अपने तांडव करती है। जिनके घर में चूल्हे नहीं जलते। कहने को तो हर कोई अपने लिए कुछ करता है लेकिन जाना कौन जाता है जो दूसरों के लिए करता है। हमारे आस-पास के पौधे भी खुद के लिए नहीं करते वो भी सदा दूसरों के लिए ही करते रहते हैं। हिंदी में परोपकार के उपर एक दोहा है-

“वृक्ष कबहुं नहीं फल भखै, नदी न संचै नीर।
परमारथ के काज से साधु न धरा शरीर।।“
इसका मतलब ये है कि वृक्ष अपने उपर फल उगाता है लेकिन उसको खुद ही नहीं खाता, नदी अपने जल को स्वयं ही नहीं पीती है। इसी तरह से इस मनुष्य रूपी देह की प्राप्ति हमें दूसरों की भलाई करने के लिए हुआ है। तो हमें वृक्ष से ये प्रेरणा लेते हुए ये संकल्प करना चाहिए कि मनुष्य जीवन मिला है हम इसे व्यर्थ ना करें इसका सदुपयोग करें इस बार दिवाली पर अपने साथ दूसरों के लिए भी दिए जलाए... दिवाली की आप सभी को सहर्ष शुभकामनाएं...

Monday, September 5, 2011

प्यार एक अहसास जिसके सामने कुछ ना आए रास


प्यार एक अहसास
जिसके सामने कुछ ना आए रास
नित निरंतर प्यार के पास
बीते समय प्यार के आस-पास
प्यार एक अहसास जिसके सामने कुछ ना आए रास

प्यार कर जीवन में भर आए खुशियों की आस
नित नए तरकीब सिखाता प्यार का अहसास
सुंदर चितवन रंग है प्यारी प्यार की है पहचान
प्यार एक अहसास है जिसके सामने कुछ ना आए रास

प्यार बिना जीवन है सूना जैसे बिन पानी मछली का जीना
हंसी दिलाती मेल कराती प्यार का अहसास
प्यार तो है ऐसी चाहत जैसे मेढ़क को बारिश की प्यास
प्यार एक अहसास जिसके सामने कुछ ना आए रास

दो दिलों के मिलने से होता है प्यार का अहसास
रंग हो गोरा या हो काला इसकी नहीं परवाह
मन में बस हो विश्वास यही है प्यार का अहसास
प्यार एक अहसास जिसके सामने कुछ ना आए रास

ना छल ना कोई कपट उस प्यार पर है अभिमान
दुनिया को क्या पता क्या है प्यार का अहसास
-- अभय त्रिपाठी