सच्चाई की राह पर चलना सीखा
हर हाल मे खुश रहना सीखा...
इम्तिहान कितने भी हों जीवन मे...
हमने बस आगे चलते रहना सीखा
कठिन डगर कांटो की....
धूप से भरी दुपहरी में भी निरंतर मजिल की तरफ बढ़ना सीखा...
मेहनत से ख़ुशी हासिल करने को कठिनाइयों से लड़ना सीखा...
आज बेकार लगते हैं वो सीख... जिसका कोई उपयोग नहीं
हर बार मन में यही बात आती है...कि हमने जो सीखा वो सब क्यूँ सीखा ?